Thursday, April 26, 2012

डेंगू व मलेरिया से निपटने के लिए हों जागरूक : मोंगा


पूर्वी दिल्ली (एसएनबी)। वि मलेरिया दिवस के मौके पर ईस्ट आईएमए व सोसाइटी फॉर एडवोकेसी एण्ड प्रमोशन ऑफ पब्लिक हेल्थ के संयुक्त तत्वाधान में एक वर्कशाप का आयोजन किया गया। इस मौके पर ईस्ट आईएमए के अध्यक्ष अनी गोयल, ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फंट के अध्यक्ष वीएस वोहरा, स्वास्थ्य विभाग के एमएचओ एनके यादव, पूर्व सांसद व क्रिकेटर चेतन चौहान, हेल्थ कमेटी के चेयरमैन डॉ. वीके मोंगा सहित भारी संख्या में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी व निगम के अधिकारी मौजूद थे। वर्कशाप के दौरान लोगों को जानकारी देते हुए हेल्थ कमेटी के चेयरमैन डॉ. वीके मोंगा ने कहा कि डेंगू व मलेरिया से निपटने के लिए लोगों को खुद जागरूक होना होगा। तभी डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारी से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पोलियों को जड़ से मिटाने के लिए जनता जागरूक हुई और देश पोलिया मुक्त हुआ। उसी तरह जनता को खुद ही जागरूक होकर डेंगू व मलेरिया से बचने के लिए पुख्ता कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि अपने घरों के आस-पास गंदा व साफ पानी इकठ्ठा न होने दें, घरों के कूलरों को साफ-सुथरा रखें, पानी रखने वाले बर्तनों, बाल्टियों, हौदियों को ढक कर रखें। इसके साथ टूंट-फूटे बर्तनों व टायर इत्यादी खुले में न रखे। इसमें बरसात का पानी इकट्ठा हो सकता है। जिसके चलते डेंगू व मलेरिया के लॉरवा पनप जाते हैं। इस बाबत पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने कहा कि पहले गांवों में कुंओं से पीने का पानी भरा जाता था। लेकिन अब गांवों में जगह-जगह हैंडपंप लग गए हैं और पानी की निकासी न होने से जगह- जगह पानी भरा रहता हैं। रुके हुए पानी में मच्छर के लॉरवा पनपने लगते हैं, जो बीमारी का कारण बनते हैं, स्वास्थ्य विभाग के एमएचओं एनके यादव ने कहा कि डेंगू व मलेरिया से निपटने के लिए हम लोगों को जागरूक होना होगा। आम लोग यह समझते हैं कि फार्गिग किए जाने से ज्यादातर मच्छर मर जाते है। लेकिन फार्गिग का धुंआ जैसे ही लोगों के घरों तक पहुंचता तो लोग उसके धुंए से बचने के लिए अपने घरों की खिड़की व दरवाजे बंद कर देते है।

with thanks : Rashtriy Sahara : LINK 

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